लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। नन्हीं चीटीं जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर सौ बार फ़िसलती है, मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना ना अखरता है, आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। डुबकियां सिन्धु में गोताखोर लगाता है, जा जा कर खाली हाथ लौट आता है, मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में, बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में, मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती, कोशिश करने वालों कि कभी हार नहीं होती। असफ़लता एक चुनौती है,इसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो, जब तक ना सफ़ल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम, कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। - हरिवंशराय बच्चन