Home is where the Heart is

There is a lot said of a House & a Home.. what must be and shouldn't be...
But it is as much our choices in life, as much as what we keep at home..

कैसा हो घर का वास्तु 
~ स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी

घर चाहे कैसा भी हो..
उसके एक कोने में..
खुलकर हंसने की जगह रखना..

सूरज कितना भी दूर हो..
उसको घर आने का रास्ता देना..

कभी कभी छत पर चढ़कर..
तारे अवश्य गिनना..
हो सके तो हाथ बढ़ा कर..
चाँद को छूने की कोशिश करना .

अगर हो लोगों से मिलना जुलना..
तो घर के पास पड़ोस ज़रूर रखना..

भीगने देना बारिश में..
उछल कूद भी करने देना..
हो सके तो बच्चों को..
एक कागज़ की किश्ती चलाने देना..

कभी हो फुरसत,आसमान भी साफ हो..
तो एक पतंग आसमान में चढ़ाना..
हो सके तो एक छोटा सा पेंच भी लड़ाना..

घर के सामने रखना एक पेड़..
उस पर बैठे पक्षियों की बातें अवश्य  सुनना..

घर चाहे कैसा भी हो.. 
घर के एक कोने में..
खुलकर हँसने की जगह रखना.

चाहे जिधर से गुज़रिये
मीठी सी हलचल मचा दिजिये,

उम्र का हरेक दौर मज़ेदार है
अपनी उम्र का मज़ा लिजिये.
 
ज़िंदा दिल रहिए जनाब,
 ये चेहरे पे उदासी कैसी
वक्त तो बीत ही रहा है,
 उम्र की एेसी की तैसी...

Comments

  1. Would appreciate an English translation for people who don't know Hindi (like me).

    ReplyDelete
    Replies
    1. Sorry, haven't been able to find a translation... will keep looking

      Delete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Charades we play

What 'I' want to do

An Apology