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Showing posts from March, 2023

Ironies of Life

We have a help who takes care of our Tiny Human in our absence (albeit when we are doing more important things like running in the corporate rat race). It recently occurred to us that she actually has a child of a similar age who she leaves behind at home just to help us run our race. The irony of the situation still makes me wonder. The rat race is keeping us away from taking direct care of the child, but is enabling us to pay someone to do the same on our behalf. Ofcourse that is forcing her to stay away from her our child and being the direct care giver !!!  Strange are the ways of life !

Home is where the Heart is

There is a lot said of a House & a Home.. what must be and shouldn't be... But it is as much our choices in life, as much as what we keep at home.. कैसा हो घर का वास्तु  ~ स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी घर चाहे कैसा भी हो.. उसके एक कोने में.. खुलकर हंसने की जगह रखना.. सूरज कितना भी दूर हो.. उसको घर आने का रास्ता देना.. कभी कभी छत पर चढ़कर.. तारे अवश्य गिनना.. हो सके तो हाथ बढ़ा कर.. चाँद को छूने की कोशिश करना . अगर हो लोगों से मिलना जुलना.. तो घर के पास पड़ोस ज़रूर रखना.. भीगने देना बारिश में.. उछल कूद भी करने देना.. हो सके तो बच्चों को.. एक कागज़ की किश्ती चलाने देना.. कभी हो फुरसत,आसमान भी साफ हो.. तो एक पतंग आसमान में चढ़ाना.. हो सके तो एक छोटा सा पेंच भी लड़ाना.. घर के सामने रखना एक पेड़.. उस पर बैठे पक्षियों की बातें अवश्य  सुनना.. घर चाहे कैसा भी हो..  घर के एक कोने में.. खुलकर हँसने की जगह रखना. चाहे जिधर से गुज़रिये मीठी सी हलचल मचा दिजिये, उम्र का हरेक दौर मज़ेदार है अपनी उम्र का मज़ा लिजिये.   ज़िंदा दिल रहिए जनाब,  ये चेहरे पे उदासी कैसी वक्त तो बीत ह...